आत्मज्ञान क्या है ? किन राशियों का है आत्मज्ञानी बनने का Best समय (2024)

आत्मज्ञान क्या है ? आत्मज्ञान कैसे होता है ? ज्ञान कब होता है ? इन्ही सवालों के बारे में इस लेख में बात करने वाला हूँ । इनमें से कुछ बातें आध्यात्मिक भी हो सकती हैं,कुछ व्यवहारिक भी हो सकती हैं लेकिन मेरा मुख्य आधार ज्योतिषीय ही होगा, किसी भी गृह की इसमें क्या भूमिका होती है और वह गृह कब हमको आत्म ज्ञान देता है,इस पर भी बात करूंगा ।

इस लेख में वर्तमान में उन राशियों के बारे में बताऊंगा जिनका वर्तमान में आत्मज्ञान का समय चल रहा है, पूरा लेख ध्यान से पढ़ें सिर्फ अपनी राशि मत खोजिएगा । सभी का वह समय आता है जब कोई विशेष गृह उसको ज्ञान देने आता है,तब आपको संकेत मिलेंगे  ।

सभी सनातनी हिन्दू भाई बहनो को पंडित योगेश वत्स का राम राम !!!

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चलिये लेख पर आगे बढ़ते हैं ।

आत्मज्ञान क्या है ? What Is Enlightenment ? 

 

सबसे पहले जानते हैं आत्मज्ञान क्या है ? आत्मज्ञान की English meaning होती है Enlightenment, अंदर का प्रकाश, जब आपके अंदर प्रकाश उत्पन्न हो जाये ,अन्तर्मन प्रकाशित हो जाये तो समझ लें यह आत्मज्ञान का समय है । खुद को देखना,समझना,और जानना ही आत्मज्ञान है । 

आप वास्तव में वो नहीं जो दिखते हो, वह तो एक शरीर मात्र है,एक Dress, एक परिधान भर है । तुम वो हो जो तुम्हारी आत्मा है । अपनी आत्मा को जानना,समझना ही आत्मज्ञान है तभी इसे आत्म + ज्ञान कहा जाता है । 

हम पूरी ज़िंदगी रिश्ते नातों को समझने, में यारों,दोस्तों,परिवारी जनों को समझने में निकाल देते हैं लेकिन खुद को समझने के लिए कभी फुर्सत नहीं निकाल पाते, इसलिए सभी के जीवन में कोई विशेष गृह यह काम करता है, समय समय पर वह बताता है कि खुद को जानो, यह वक्त सभी के जीवन में समय समय पर आता रहता है लेकिन हम समझ नहीं पाते,इस लेख के बाद आप को कुछ संकेत समझ आने लगेंगे ।     

आत्मज्ञान कैसे होता है ? How Does Enlightenment Happen ? 

हमारा जन्म मुक्ति प्राप्त करने के लिए हुआ है । मोह माया से, सांसारिक भौतिक वस्तुओं से,झूठे रिश्ते नातों से जब हम मुक्ति पाते हैं तभी हमें ईश्वर या ईश्वरत्व की प्राप्ति होती है ।

आत्मज्ञान ही हमें मुक्ति के मार्ग पर ले जाता है । आत्मज्ञान कैसे होता है ? इसका सबसे सीधा जबाब है,जिससे सबसे ज्यादा आपको मोह है,प्यार है,ममता है,अनुरक्ति है उनसे जब आप को चोट लगती है और आप की आत्मा द्रवित होती है तब आपको अपने अंदर झाँकने का मौका मिलता है,और अंदर का प्रकाश आप को आत्मज्ञान की अनुभूति कराता है ।

जब आप को भौतिकता से,रिश्ते नातों से विरक्ति होने लगे  तब आप को आत्मज्ञान प्राप्त होता है ।  विरक्ति तभी होती है जब आप को ठोकर लगती है,चोट लगती है और दर्द होता है,ऐसा दर्द जो सिर्फ आप महसूस कर सकते हैं वही आपको आत्मज्ञान की प्राप्ति करवाता है ।यही आत्मज्ञान आपको मुक्ति की ओर ले जाता है ।

आत्मज्ञान प्राप्ति करवाने वाले गृह ?

ज्योतिष में कोई एक फोर्मूला नहीं होता किस गृह से आपको आत्मज्ञान प्राप्त होगा लेकिन अगर सरल भाषा में कहूँ जो सभी को समझ आ सकता है वह है, जब कभी भी आपकी राशि का स्वामी गोचर वश कुंडली के आठवें भाव में आएगा, आपको विशेष दर्द मिलेगा,आपको विशेष चोट लगेगी अप्रत्याशित । चोट या दर्द इतना बड़ा होगा कि आप अपने आप को खोजने को मजबूर हो जाएँगे और यही समय होगा आत्म ज्ञान का ।

किन राशियों का है आत्मज्ञान प्राप्त करने का समय ?

वृष राशि / लगन के लिए आत्मज्ञान का समय  :

वृष राशि वाले जातकों के लिए राशि स्वामी और लगन स्वामी शुक्र देव बनते हैं । इस तरह शुक्र ही आप के लग्नेश हुए, लग्नेश मतलब आप स्वयं ।

आपके लग्नेश शुक्र देव 18 जनवरी से आपके अष्ठम स्थान में आ गए हैं, शुक्र देव आपके छठे भाव के स्वामी भी है जो भाव रोग का,शत्रुओं का और कोर्ट कचहरी का है ।

लग्नेश का आठवें भाव में गोचर जो कि रोग और शत्रुओं का भी कारक है और साथ ही शुक्र एक महिला प्रधान गृह है इन सबको देखते हुए निष्कर्ष निकलता है …..

आपको रोग से मतलब अचानक बीमारी से, दुर्घटना से. शत्रुओ से मुक़दमेबाज़ी से विशेष पीड़ा मिल सकती है  ।जिसके कारण आपको अपने पराए का भान होगा और आप अपने आप को पहचानने को मजबूर होंगे आप एक दम अकेले होंगे इसी से आपको आत्मज्ञान की प्राप्ति होगी ।

शुक्र महिला प्रधान गृह होने के कारण आपको किसी विशेष महिला से इतनी पीड़ा मिल सकती है कि आप खुद को जानने समझने को मजबूर हो जाएँ और आप को आत्मज्ञान का बोध हो जाये ।

वृष राशि का यह समय खराब है इस पर विस्तार में 10 दिन पहले लेख लिखा था तब भी आगाह किया था,अगर वो लेख नहीं पढ़ा है तो यहाँ Click कर पढ़ सकते हैं वहीं पर आप को उपाय भी मिल जाएँगे ।

कर्क राशि/लगन :

कर्क राशि /लगन अकेली ऐसी राशि या लगन है जिसका आत्मज्ञान का समय हर महीने आता है बाकी राशियों का यह समय  आने में कम से कम एक साल लगता है सिर्फ चंद्रमा ही एक ऐसा गृह है जो हर महीने में एक बार कर्क राशि के आठवें घर से गुजरता है भले वह समय सिर्फ ढाई दिनों का ही रहता हो ।

इन ढाई तीन दिनों में ही कर्क राशि/लगन वालों को इतना दर्द मिलता है कि उन्हे सारा ज्ञान हो जाता है जिसे आप आत्म ज्ञान भी कहा जा सकता है ।

उनको यह दर्द माँ की तरफ से अपने घरवालों की तरफ से या अपने मन की तरफ से मिल सकता है । कर्क राशि वालों को पानी वाली जगहों से भी सावधान रहना चाहिए ।

कर्क राशि के उपाय :

  • पानी की बरबादी कभी न करें
  • घर में कहीं भी पानी ना टपकता हो
  • पूर्णमासी की रात चंद्रमा को दूध से अर्घ्य दें
  • शिव जी पर प्रतिदिन जलाभिषेक करें और किसी भी शिव स्त्रोत का पाठ करें
  • माँ का विशेष ध्यान रखें
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