आजकल बढ़ते हुए बच्चों के माता-पिता की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है उनकी संतान का बदलता व्यवहार। जब बच्चे बड़े होते हैं, तो उनकी आदतें, संगत, बातचीत और व्यवहार अचानक बदलने लगता है। यहीं से माता-पिता की चिंता शुरू होती है, क्योंकि उनका बच्चा, जो पहले अच्छा था और उनकी बात मानता था, अचानक उनकी सुनने या उनके अनुसार चलने को तैयार नहीं होता। एक होनहार छात्र भी अचानक पढ़ाई से भागने लगता है।
नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ पंडित योगेश वत्स और आप हैं अपने पेज सनातन संवाद पर ! अगर लेख आपको पसंद आए तो लेख को लाइक करें और पेज को सबस्क्राइब कर नोटिफिकेशन Allow करना न भूलें।
संतान के अचानक बिगड़ने के ज्योतिषीय कारण
आइए जानते हैं कि संतान के अचानक बिगड़ने के क्या कारण हैं। इसमें आपके या बच्चों के ग्रहों का कितना हाथ है और कौन से ग्रह आपकी संतान को बिगाड़ रहे हैं। आपकी कुंडली के बारह घर और नौ ग्रह आपके जीवन में घटने वाली हर घटना के लिए जिम्मेदार हैं। जब भी आकाश में ग्रह अपनी चाल बदलते हैं या कोई गोचर होता है, तो आपके जीवन की दशा और दिशा निश्चित रूप से बदलती है।
हम आशा करते हैं कि आप हमारी बात से सहमत होंगे। अब बात आती है कि संतान के बिगड़ने में किन ग्रहों या कुंडली के बारह घरों या भावों का हाथ है और संतान अचानक क्यों बिगड़ने लगती है?
कुंडली का पंचम भाव और ग्रहों का प्रभाव
वैसे तो बिना किसी की कुंडली देखे यह जानना मुश्किल होता है कि कौन सा भाव या ग्रह इसके लिए जिम्मेदार है, लेकिन कुछ सामान्य संकेत जरूर मिल जाते हैं जिनसे यह समझा जा सकता है कि आपकी संतान के बिगड़ने में ग्रहों का कितना हाथ है।
आइए पहले हम उस भाव की बात करते हैं जिसके कारण आपकी संतान पर प्रभाव पड़ता है:
* कुंडली का पंचम या पाँचवाँ भाव आपकी संतान का होता है। अचानक ग्रहों के गोचर के कारण अगर नैसर्गिक पापी ग्रहों का प्रभाव आपके पंचम भाव पर पड़ने लगे, चाहे वो पापी ग्रहों की दृष्टि से हो या आपके पाँचवे भाव में किसी क्रूर ग्रह के गोचर के कारण हो, तो संतान पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
* दूसरी स्थिति तब बनती है जब आपके पंचम भाव का स्वामी गोचर वश ऐसे भाव में चला जाता है जो आपकी कुंडली का अशुभ स्थान है, या फिर पापी ग्रहों के साथ युति बना लेता है।
गुरू ग्रह का संतान पर प्रभाव :
अब बात करते हैं उस ग्रह की जो आपकी संतान के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार है। नैसर्गिक रूप से गुरु ग्रह को संतान का कारक माना जाता है। यह ग्रह समान रूप से सभी लोगों के लिए संतान का कारक है। अगर गोचर वश गुरु पाप प्रभाव में आ जाता है, चाहे वह किसी क्रूर ग्रह से युति के कारण हो या गुरु के ऐसे घर में गोचर कर जाने से जो आपकी कुंडली के अशुभ स्थान हैं, तो यह भी संतान के लिए ठीक नहीं होता।
एक और महत्वपूर्ण कारण जो आपकी संतान के अचानक बिगड़ने का कारण हो सकता है, वह है उस ग्रह की दशा या अंतर्दशा का प्रारंभ होना जो आपके पंचम भाव का स्वामी है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी कुंडली के पाँचवें भाव में तीन नंबर लिखा है, तो बुध देव आपके संतान भाव के मालिक हुए। अगर आपकी कुंडली के बुध पाप प्रभाव में हैं, तो जब भी आपकी बुध की महादशा या अंतर्दशा प्रारंभ होगी, तो आपकी संतान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
महादशा और अंतर्दशा का प्रभाव :
एक और महत्वपूर्ण कारण है जो आपकी संतान का अचानक बिगड़ने का कारण हो सकता हैं वो है उस ग्रह की दशा या अंतर्दशा का प्रारंभ होना जो कि आपके पंचम भाव का स्वामी है जैसे कि आपकी कुंडली के पांचवें भाव में तीन नंबर लिखा है तो बुध देव आपके संतान भाव के मालिक हुए,अगर आपकी कुंडली के बुध पाप प्रभाव में हैं तो जब भी आपकी बुध की महादशा या अंतर्दशा प्रारंभ होगी तो आपकी संतान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है ।
कैसे जानें कौन सा ग्रह संतान पर असर डाल रहा है ?
अब सवाल यह उठता है कि हम यह कैसे जानें कि कौन सा ग्रह या किस ज्योतिषीय कारण से संतान बिगड़ रही है? इसके लिए पहली सलाह तो यह है कि जब भी आप ज्योतिषी से कुंडली दिखाएं, तो बच्चे के साथ-साथ अपनी कुंडली का भी विश्लेषण जरूर कराएं। क्योंकि सिर्फ संतान के ग्रह ही नहीं, आपके अपने ग्रह भी आपकी संतान के बिगड़ने के जिम्मेदार हो सकते हैं।
मैं अब कुछ लक्षणों के बारे में बात करूंगा जिससे आपको कुछ अनुमान लग सकता है कि कौन सा ग्रह आपकी संतान को अचानक बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है। यहाँ मैं यह जरूर कहना चाहूँगा कि कोई ग्रह खराब नहीं होता है, सभी ग्रह देव हैं; हमारे पिछले जन्म के कर्म होते हैं जिसके कारण कोई भी ग्रह हमको इस जीवन में शुभ या अशुभ प्रभाव देते हैं। इसलिए किसी ग्रह को दोष न दें, उनके लिए पूजनीय भाव रखें।
आइए संतान की बदली हुई आदतों की वजह ग्रहों के हिसाब से समझते हैं:
* अगर आपका बच्चा अचानक से नशे की तरफ मुड़ गया है, तो हो सकता है आपकी या उसकी कुंडली में राहु प्रभावी हो गया हो। ऐसे में आपको राहु के उपाय करने चाहिए।
* अगर आपका बच्चा अचानक लड़ाई-झगड़े करने लगा है, तो हो सकता है आपकी या उसकी कुंडली पर मंगल का अशुभ प्रभाव पड़ रहा हो। इसके लिए आपको मंगल के उपाय करने चाहिए।
* अगर आपका बच्चा अचानक बड़ों का अपमान करने लगा है, आपका कहना नहीं सुनता, उसकी संगत बिगड़ गई है, तो उसके ऊपर शनि देव हावी हो गए हैं। ऐसी स्थिति में आपको शनि के उपाय करने चाहिए।
यहाँ मैंने कुछ उदाहरण बताए हैं जिनसे आपको ग्रहों के बारे में कुछ अनुमान लग सकता है, लेकिन कोई भी उपाय करने से पूर्व आपको अपने पंडित से कुंडली का विवेचन करवा लेना चाहिए।