आज यह लेख मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती पर विचार करने के लिए लिखने जा रहा हूँ । यह इत्तिफ़ाक ही है कि मैं जब यह लेख लिखना प्रारम्भ कर रहा हूँ तो आज शनि देव का दिन शनिवार ही है । मैं इसे शनि देव की अनुकंपा ही मान कर चल रहा हूँ,उनकी प्रेरणा से जो भी लिखूंगा उस पर उनका आशीर्वाद ही होगा ।
सभी सनातनी भाई बहनों को पंडित योगेश वत्स का नमस्कार,राम राम और इस आध्यात्मिक और ज्योतिष के पेज पर बहुत बहुत स्वागत ।
मीन राशि वाले जो भी जातक इस लेख पर आए हैं उनसे यह अनुरोध करना चाहूँगा कि अपनी राशि पर साढ़ेसाती के प्रभाव को जानने से पहले उन्हें शनि देव को जानना और साढ़ेसाती को जानना और समझना बहुत आवश्यक है,इससे उन्हे अपनी मीन राशि पर साढ़ेसाती को समझने में आसानी रहेगी। इसी पेज पर मैंने साढ़ेसाती के बारे में विस्तार से लिखा है , मीन राशि साढ़ेसाती पर लेख को पढ़ने के लिए आप यहाँ Click कर सकते हैं ।
चलिये आगे बढ़ते हैं और समझते हैं मीन राशि के लिए शनि देव क्या हैं । आप सभी ज्योतिष प्रेमियों को मालूम ही होगा कि प्रत्येक राशि के लिए प्रत्येक गृह का रोल अलग अलग होता है,इसलिए पहले समझते हैं कि शनि देव का मीन राशि के लिए क्या रोल है ?
मीन राशि के लिए शनि देव क्या हैं ?
मीन राशि के लिए शनि देव 11वें और 12वें भाव के स्वामी बनते हैं । 11वां भाव को लाभ भाव और 12वें भाव को व्यय भाव कहा जाता है । यह विडम्बना ही है कि जो गृह लाभ करवाता है वही खर्चा भी करवा देता है,इसीलिए मीन राशि के लोगों को हमेशा यह समस्या रहती है कि पैसा आता बाद में है जाने का रास्ता पहले बना लेता है ।
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि शनि देव का मूल स्वभाव है कि वो मेहनत चाहते हैं बिना मेहनत के किसी कार्य में सफलता नहीं मिलती अगर मिल भी गई तो वह स्थाई नहीं होती । शनि देव विलंब के भी कारक हैं इसलिए मीन राशि वालों के लिए आय के साधन विलंब से बनते हैं ।
12वां घर व्यय स्थान के अलावा शैया सुख का भी है और शनि देव को बुजुर्ग गृह माना गया है इसलिए मीन राशि वाले लोगों को नींद भी कम आती है और बेडरूम की खुशी भी उन्हें कम मिलती है ।
मीन राशि के लिए शनि के कुछ मुख्य बिन्दु ही बताए हैं अगर विस्तार से बताने लगूँगा तो आज के मुख्य विषय से भटक जाऊंगा,इसलिए मुख्य विषय पर बढ़ते हैं ।
मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव :
![मीन राशि साढ़ेसाती](https://sanaatanmandir.com/wp-content/uploads/2023/12/20231209_183633-300x225.jpg)
17 जनवरी 2023 को शनि देव के कुम्भ राशि में प्रवेश करते ही आपके ऊपर साढ़ेसाती प्रारम्भ हो गई जो लगभग साढ़े सात साल तक चलेगी । 30 मार्च 2025 तक शनि देव अपनी राशि कुम्भ में रहेंगे तब तक आप के ऊपर साढ़ेसाती का प्रथम चरण प्रभावी रहेगा, इस लेख में साढ़ेसाती के प्रथम चरण के बारे में ही बात करूंगा कि मार्च 2025 तक आप को साढ़ेसाती के क्या प्रभाव देखने को मिल सकते हैं ।
यह प्रभाव आपकी जन्मकालीन कुंडली में शनि के स्थित पर भी निर्भर करेंगे । अगर जन्मकालीन कुंडली में शनि देव अच्छी स्थित में हुए तो आपको साढ़ेसाती की पीड़ा कम भी हो सकती है अगर शनि जन्मकालीन कुंडली में कमजोर स्थित में हुए तो यह पीड़ा ज्यादा भी हो सकती है ।
जनवरी 2023 से जब से शनि देव आपके लिए साढ़ेसाती लेकर आए हैं तब से आप की नींदे उड़ गईं होंगी शैया सुख में भी कमी आई होगी । जो लोग विदेश में या घर से दूर हैं उनको भी अन्य परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा होगा । चूंकी शनि जहां बैठे हैं वह आपके लिए खर्चों का घर है उन्होने खर्चों को रोका भी होगा दूसरी तरह से कहूँ तो आमदनी में ही कमी आई होगी जिस से खर्चा करने के लिए हाथ में कुछ रहा ही नहीं होगा ।
आगे के प्रभावों में उनकी दृष्टियों के प्रभावों के बारे में बताऊंगा जिस से और भी प्रभावों के बारे में पता चलेगा । शनी की तीन दृष्टिया होती हैं तीसरी ,सातवी,और दसवीं ।
मीन राशि पर शनि की तीसरी दृष्टि का प्रभाव :
शनि की तीसरी दृष्टि आपके दूसरे घर पर पड़ रही है जिसे चित्र से स्पष्ट किया गया है ।
![शनि साढ़ेसाती में शनि की तीसरी दृष्टि](https://sanaatanmandir.com/wp-content/uploads/2023/12/20231209_185508-300x225.jpg)
दूसरा घर धन भाव कहलाता है,संचित धन मतलब आपका कमाया हुआ धन । शनि की दृष्टि धन भाव पर किसी भी लिहाज से अच्छी नहीं कही जा सकती है । साढ़ेसाती के प्रथम चरण के दौरान संचित धन खर्च होता चला जाएगा,एक तो आमदनी भी कम ऊपर से जमापूंजी भी खर्च इसके कारण लगातार चिंताएँ बनी रहेंगी ।
परिवार से संबंध भी अच्छे नहीं रहेंगे बेवजह के विवाद होंगे जिसका कारण आपकी वाणी भी रहेगी क्योंकि शनि की तीसरी दृष्टि आपकी वाणी को भी खराब कर रही है ।
आपके खानपान पर भी शनि की तीसरी दृष्टि के कारण असर पड़ेगा,खाने में स्वाद नहीं रहेगा ना खाने का मन ही करेगा ।
साढ़ेसाती में मीन राशि पर शनि की सातवीं दृष्टि का प्रभाव :
![साढ़ेसाती शनि की सातवीं दृष्टि](https://sanaatanmandir.com/wp-content/uploads/2023/12/20231209_185910-300x225.jpg)
शनि देव की सातवीं दृष्टि आपके छठे भाव पर पड़ रही है । यह भाव रोग का रिपु यानि शत्रुओं का होता है । यहाँ पर शनि की दृष्टि उतना नुकसान नहीं देगी क्योंकि शनि विलंब के कारक हैं इसलिए शत्रुओं को बढ़ाएँगे नहीं । कोर्ट कचहरी के मामले में भी विलंब होगा अगर फैसला होना भी होगा तो न्यायोचित आधार पर होगा भले वो आपके हित में हो या आपके विपरीत ।
अगर आप लोन के लिए प्रयासरत हैं तो उसमें भी विलंब होगा लेकिन प्रयास करेंगे तो मिल जाएगा । पेट से संबन्धित बीमारी उभर सकती है जिसकी दवा लंबे समय तक चल सकती है ।
साढ़ेसाती में मीन राशि पर दसवीं दृष्टि का प्रभाव :
![शनि साढ़ेसाती दसवीं दृष्टि](https://sanaatanmandir.com/wp-content/uploads/2023/12/20231209_190235-300x225.jpg)
शनि देव की दसवीं दृष्टि आपके भाग्यभाव पर पड़ रही है । इस दौरान आप को भाग्य से ज्यादा अपनी मेहनत पर निर्भर रहना होगा क्योंकि भाग्य बहुत साथ नहीं देगा ।
यहाँ दृष्टि पड़ने से पिता से भी विवाद होने की संभावना है उनका सहयोग भी नहीं मिलेगा । जिन जातकों के पिता इस दौरान बीमार रहते हैं उनके बारे में सावधानी बरतनी जरूरी है ।
लंबी यात्राएं भी बेवजह का खर्चा ही करवाएगी । यात्राएं लाभदायक सिद्ध नहीं होंगी ।
निष्कर्ष ( Conclusion ) :
मीन राशि के लिए शनि देव योगकारक गृह नहीं हैं इसलिए उनसे बहुत बेहतर की उम्मीद नहीं की जा सकती है । वैसे भी साढ़ेसाती पीड़ा के लिए जानी जाती है, हाँ यह जरूर है जिन राशियों के लिए शनि देव योगकारक हैं या जिनकी कुंडली में शुभ स्थान पर हैं शुभ ग्रहों के साथ हैं उनको जरूर लाभ देते हैं ।
मीन राशि वालों को साढ़ेसाती को लेकर ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है शनि के अलावा भी आठ गृह होते हैं अगर वो आपके लिए शुभ स्थित में हैं तो शनि साढ़ेसाती की पीड़ा उतनी नहीं होगी ।
साढ़ेसाती प्रत्येक जातक के जीवन में हर 30 साल बाद आती ही है और शनि देव पिछले 30 सालों में आप के द्वारा किए गए कामों का हिसाब करने आते हैं क्योंकि शनि देव को न्याय का विभाग मिला हुआ है ।
साढ़ेसाती के दौरान आप उपाय कुछ भी करें ना करें लेकिन ये सावधानी जरूर रखें कि वो ना करें जो शनि देव को पसंद नहीं ।
साढ़ेसाती में क्या सावधानी रखें ?
- बुजुर्गों का अपमान बिलकुल ना करें ।
- पानी की बरबादी ना करें शनि के कारण चंद्र वैसे ही पीड़ित है , इससे चंद्रमा और कमजोर होगा ।
- किसी दूसरे के कपड़े,जूते चप्पल ना पहनें
- मीन राशि वाले काले कपड़ों से परहेज करें ।
- अपने जूते चप्पल और कपड़ों का ध्यान रखें साफ सुथरे पहनें,फटे पुराने ना पहनें ।
- अपने नाखून ना बढ्ने दें बाल भी कारीने से रखें ।
- मांस मदिरा से हर हालत में दूर रहें ।
- झूठ कम से कम बोलें किसी को धोखा ना दें ।
चलते चलते अपनी बात :
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