अक्षय तृतीया 2025 में क्या खास है ?

अक्षय तृतीया, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर का एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली दिन है। यह दिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। अक्षय शब्द का अर्थ है “नाश रहित” या “न समाप्त होने वाला,” और इस दिन किए गए किसी भी कार्य — चाहे वह धार्मिक हो या सांसारिक — वह कई गुना बढ़कर फलित होते हैं।
अक्षय तृतीया 2025 का धार्मिक महत्व
इस दिन को विशेष रूप से पवित्र माना जाता है क्योंकि सूर्य और चंद्रमा दोनों अपनी उच्चतम स्थिति में होते हैं। यह एक अभिजित मुहूर्त है, यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए कोई विशेष समय की आवश्यकता नहीं होती। यह समय बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है।
माँ गौरी और भगवान शिव का पूजन
अक्षय तृतीया को माँ गौरी (पार्वती) की पूजा का विशेष महत्व है।
जो विवाहित स्त्री-पुरुष इस दिन माँ गौरी और शिव परिवार की विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उनके जीवन में सौभाग्य और खुशियाँ बढ़ती हैं।
अविवाहित व्यक्तियों के लिए यह दिन सफल और सुखमय वैवाहिक जीवन का मार्ग खोलता है।
अक्षय तृतीया 2025 पूजन विधि :
ब्राह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें।
व्रत रखें और शिव, गौरी तथा विष्णु भगवान की पूजा करें।
पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें, फिर चंदन, पुष्प और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
जौ, सत्तू, चने की दाल आदि नैवेद्य के रूप में अर्पित करें।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और अंत में आरती करें।
अक्षय तृतीया 2025 को क्या दान करें ?
अक्षय तृतीया के दिन दान का विशेष महत्व है:
चावल, दूध, घी, फल, ताजे फूल, और पानी के बर्तन दान करना शुभ माना जाता है।
सोना, चांदी, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्त्र ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य मिलता है।
इस दिन किए गए दान का फल अनंत और दीर्घकालिक होता है।
भगवान परशुराम जयंती 2025
अक्षय तृतीया को ही भगवान परशुराम का जन्म भी हुआ था।
वह विष्णु के अवतार थे और उनकी पूजा विशेष रूप से वीरता, न्याय और तप के प्रतीक के रूप में की जाती है।
इस दिन उनके जन्मोत्सव को लेकर विशेष पूजा और व्रत आयोजित किए जाते हैं।
अक्षय तृतीया 2025 : व्रत कथा
धर्मदास नामक एक व्यापारी का उल्लेख है:
जो वृद्ध और रोगी होने के बावजूद इस दिन व्रत रखते हुए गंगा स्नान कर पूजा करते थे। उन्होंने स्वर्ण, वस्त्र और दिव्य वस्त्र दान किए।
इसके परिणामस्वरूप वह अगले जन्म में कुशावती के राजा के रूप में पैदा हुए। उनकी समृद्धि और प्रतिष्ठा इस दिन किए गए धार्मिक कर्मों का फल थी।
अक्षय तृतीया और व्यवसाय
अक्षय तृतीया का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं है, बल्कि यह व्यवसाय और समृद्धि बढ़ाने वाला भी दिन है:
इस दिन सोना, चांदी, आभूषण खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।
व्यापारी इस दिन को व्यापारिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक अवसर मानते हैं, और कई प्रतिष्ठान अपने संग्रह, बिक्री और प्रचार के लिए विशेष योजनाएं बनाते हैं।
ज्योतिष और खगोलशास्त्र में महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार:
इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों उच्चतम स्थिति में होते हैं, जिससे शक्ति, समृद्धि, और संकल्प की ऊर्जा अधिक बढ़ जाती है।
यह दिन नए काम शुरू करने, निवेश करने और विशेष संकल्प लेने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
अक्षय तृतीया का समग्र महत्व
अक्षय तृतीया केवल एक तिथि नहीं है, बल्कि यह ईश्वर की कृपा, समृद्धि और अनंत शांति का अवसर प्रदान करने वाला दिन है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य, दान और पूजा जीवन को समृद्ध, शांति और ऐश्वर्य से भर देते हैं।
यह दिन सभी नये कार्यों, निवेशों और शुभ अवसरों के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया 2025 कब है ?
अक्षय तृतीया 2025 में 30 अप्रैल 2025 दिन बुधवार को मनाई जा रही है ।