18 जनवरी से वृष राशि वाले सावधान ( Beware Taurus ); शुक्र का गोचर हो सकता है नुकसानदेह

18 जनवरी से वृष राशि वाले लोगों को एक महीने तक सावधानी बरतनी है । अगर आपकी राशि वृष है या फिर आपकी लगन वृष है तो आपको 18 जनवरी से विशेष सावधानी बरतनी है और क्यों बरतनी है उसी की बात इस लेख में करूंगा आप ध्यान से अंत तक यह लेख जरूर पढे कारण और निवारण दोनों बताऊंगा । मेरे पिछले लेख अगर आप पढ़ेंगे तो मैं लेख का शीर्षक डराने वाला नहीं रखता, कुछ विशेष बात है इसलिए यह शीर्षक दिया । लेकिन परेशान ना हों पहले कारण बताऊंगा फिर अंत में उपाय भी बताऊंगा ।

पेज पर आने वाले सभी सनातनी हिन्दू भाई बहनों को पंडित योगेश वत्स का राम राम ।

वृष राशि के बारे में :

सबसे पहले कुछ बातें वृष राशि के बारे में समझते हैं,क्योंकि बीमारी के पहले उसके कारणों को समझना बहुत जरूरी होता है इसलिए वृष राशि के बारे में संक्षेप में समझते हैं । यह लेख वृष राशि और वृष लगन दोनों के लिए है भले ही मैं लिखने में राशि के नाम से ही संबोधित कर रहा हूँ ।

बारह राशियों में वृष राशि दूसरे नंबर की राशि होती है,इस राशि के स्वामी शुक्र देव होते हैं जिन्हें हम वृष राशि के लिए लग्नेश भी कहते हैं, वृष राशि वाले लोगों के लिए शुक्र देव पहले भाव और छठे भाव के स्वामी बनते हैं । किसी भी राशि का लग्नेश उसके लिए सबसे शुभ गृह होता है वह कभी भी जातक को नुकसान नहीं पहुंचाता क्योंकि वह खुद उस राशि का मालिक होता है ।

वृष राशि वालों के लिए कुछ अपवाद जरूर है क्योंकि शुक्र देव पहले भाव के साथ साथ छठे भाव के भी स्वामी बनते हैं क्योंकि शुक्र देव की दूसरी राशि तुला, छठे भाव में आती है इसलिए शुक्र देव पहले और छठे भाव के फल वृष राशि वाले जातकों को एक साथ देते हैं ।

छठा भाव रोग का,शत्रु का और कर्जे का बताया गया है इसलिए वृष राशि वाले लोगों को अपने लग्नेश के गोचर को लेकर हमेशा सचेत रहना चाहिए ।

वृष राशि की वर्तमान स्थिति :

वृष राशि वाले लोगों के लिए वर्तमान स्थित अच्छी नहीं कही जा सकती क्योंकि नौ ग्रहों में से शनि और राहू को छोड़ कर बाकी गृह या तो सामान्य हैं या फिर अशुभ प्रभाव में हैं । सबसे महत्वपूर्ण और शुभ गृह गुरु आपके बाहरवे भाव में चल रहे हैं जो कि अशुभ स्थान है, गुरु 1 मई तक यहीं रहने वाले हैं बुध और मंगल आपके आठवें भाव में चल रहे हैं यह भी अशुभ स्थित है लेकिन यह अगले महीने तक ही परेशान करेंगे ।

आपके लग्नेश भी 18 तारीख से आपके अष्टम हो जाएँगे जो सबसे खराब स्थिति है। आपके भाग्य के मालिक शनि देव और राहू देव जो 11वें भाव में हैं वही अच्छी स्थित में हैं वही सबसे ज्यादा सहयोग कर रहे हैं और आप का बुरा होने से बचा रहे हैं।

वृष राशि वाले लोगों को सावधानी क्यों जरूरी ?

वृष राशि वाले लोगों को सावधानी क्यों जरूरी ?  कुछ संकेत आप को ऊपर दिये हैं आगे और बताता हूँ, बुध देव जो आप के धन के और संतान भाव के मालिक हैं वो भी आपके अशुभ स्थान अष्टम भाव में चल रहे हैं  जिसके कारण अचानक धन का नुकसान और संतान को लेकर चिंताएँ बढ़ गई होंगी,अंजाने में अचानक से जीवन में समस्याएँ आ रही होंगी ।

मंगल गृह के भी अष्ठम भाव में होने के कारण आत्मविश्वास में अचानक से कमी महसूस हो रही होगी । साझेदारों से विवाद या नुकसान की संभावना दिख रही है । जीवन साथी और प्रेमी प्रेमिका से अचानक से संबंध बिगड़ने के संकेत दिख रहे हैं ।

सबसे बड़ी बात जिसके कारण यह लेख लिख रहा हूँ वह है आपके लग्नेश का 18 तारीख को होने वाला गोचर । शुक्र देव 18 जनवरी को धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं धनु राशि वृष राशि वाले लोगों के आठवें भाव में पड़ती है । इस गोचर के कारण आपके अचानक से दुश्मन पैदा हो सकते हैं,पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है,कोई पुराना रोग फिर से सर उठा सकता है इसलिए सेहत पर विशेष ध्यान दें कुछ भी समस्या हो तो लापरवाही न बरतें ।

वाहन चलाने में विशेष सावधानी बरतें दुर्घटना के प्रबल योग बन रहे हैं खुद गाड़ी चलाने से बचें ।

इस एक महीने न तो कर्जा लें ना किसी को उधार दें अगर उधार दिया तो डूबना निश्चित है और अगर उधार लिया तो लौटाना मुश्किल होगा ।

निष्कर्ष या सार :

गृह आपको संकेत देते हैं कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इसलिए घबड़ाने या परेशान होने की बात नहीं आगे उपाय भी बताऊंगा । अष्ठम वाले सभी गृह लगभग एक महीने बाद कुछ आगे पीछे आप के भाग्य भाव ( मकर राशि ) में प्रवेश कर जाएँगे तब यही गृह आप को बहुत लाभ भी पहुंचाएंगे इस लिए बस एक महीने संभल के चलना है ।

वृष राशि के लिए उपाय :

  • माँ दुर्गा या लक्ष्मी जी की आराधना करें । शुक्रवार को दुर्गा सप्तशती या श्री सूक्त  का पाठ करें । कम से कम शाम को प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करें ।
  • ना तो किसी से दूध की बनी मिठाई लें ना दान करें ना गिफ्ट में दें ।
  • गाय को बुधवार के दिन चारा खिलाएँ ।
  • एक महीने तक गणेश स्त्रोत का पाठ करें ।
  • अपने शनि को मजबूत करें । गरीब बुजुर्गों को दान करें ।

चलते चलते अपनी बात :

आप लेख पर अंत तक रहे सबसे पहले इस बात के लिए आप का धन्यवाद । लेख अगर पसंद आया हो तो लाइक करें शेयर करें और विशेष रूप से अगर आप ऐसे ही धर्म,अध्यात्म और ज्योतिष से जुड़े रहना चाहते हैं तो हमारा ऊपर दिया हुआ TELEGRAM चैनल जरूर जॉइन करें जिस से आप को समय से लेखों की सूचना मिलती रहे,अगर कोई शंका हो तो वहाँ उसका समाधान भी पूछ सकते हैं ।

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धन्यवाद राम राम !!!

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