2024 का सबसे बड़ा राशि परिवर्तन : मिथुन राशि पर प्रभाव,How Transits Shake Up Gemini’s World – Stay Alert!

इस साल का सबसे बड़ा राशि परिवर्तन 1 मई 2024 को होने जा रहा है,यह राशि परिवर्तन अगले एक साल तक आपको प्रभावित करेगा। यह गृह गोचर आपके लिए शुभ होगा या अशुभ ? मेष राशि पर इसका क्या प्रभाव हो सकता है,आपके लिए किन क्षेत्रों पर यह विशेष प्रभाव ले कर आ रहा है,इन सभी बातों पर लेख में विस्तार से बताने जा रहा हूँ ।

नमस्कार,राम राम !!!

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क्या होता है राशि परिवर्तन या गृह गोचर ?

इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड में नव गृह होते हैं जो लगातार अपनी अपनी गति से गतिमान रहते हैं और अपनी इस गतिशील अवस्था के दौरान वह किसी भी व्यक्ति की कुंडली की सभी 12 राशियों के ऊपर से होकर गुजरते हैं । किसी भी गृह का एक राशि से दूसरी राशि में जाना या स्थान परिवर्तन करना ही ज्योतिष की भाषा में गोचर कहलाता है ।

कोई भी गृह जब अपनी राशि या स्थान बदलता है तो उसके गोचर से सभी राशियों पर अलग अलग प्रभाव पड़ते हैं,यह प्रभाव किसी राशि के लिए शुभ हो सकते हैं किसी राशि के लिए अशुभ,यह सब गृह गोचर पर निर्भर करता है ।

आज इस लेख में हम देवगुरु वृहस्पति के स्थान परिवर्तन या गोचर पर बात करेंगे । देव गुरु ब्रहस्पति 1 मई 2024 को मीन राशि से निकलकर 12 साल बाद शुक्र देव की राशि वृषभ में अपना स्थान ग्रहण करने वाले हैं और यह इस साल का सबसे बड़ा राशि परिवर्तन है ।

गुरुदेव अगले साल मई तक यहीं विराजमान रहेंगे इसलिए यह गोचर 2024 का सबसे महत्वपूर्ण गोचर है और इसका प्रभाव भी अगले साल तक रहने वाला है । देव गुरु 12 साल बाद असुरों के गुरु शुक्र देव के घर आ रहे हैं । दो गुरुओं का 12 साल बाद मिलना सभी राशियों के लिए विशेष होने जा रहा है ।

मैं एक एक राशि पर इस सबसे बड़े राशि परिवर्तन के प्रभाव के बारे में विस्तार से चर्चा करूंगा और आज राशि चक्र के क्रम में तीसरी राशि मिथुन पर देवगुरु वृहस्पति के गोचर प्रभाव का आंकलन करने जा रहा हूँ ।

गोचर प्रभाव को समझने से पहले देवगुरु ब्रहस्पति को समझना और उनके प्रभाव को समझना अति आवश्यक है तो संक्षेप में पहले इसको समझते हैं ।

देवगुरु बृहस्पति का प्रभाव :

बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना गया है इसी से समझा जा सकता है कि वो कितने योग्य,शुभकारी और पवित्र गृह हैं । जिन भी जातक जातिकाओं पर देवगुरु का शुभ प्रभाव होता है वह ज्ञानी और शुद्ध आचरण वाले होते हैं ।  उनकी  संतान भी उनका  कहना मानने वाली होती है । जिनकी कुंडली में गुरुदेव मजबूत स्थित में और बलवान होते हैं ऐसे व्यक्तियों को कुंडली के बाकी दोषों से काफी हद तक मुक्ति मिल जाती है तथा इन लोगों को कभी भी बहुत बुरी आर्थिक स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता है ।

जिन जातक जातिकाओं की कुंडली में देवगुरु की स्थित कमजोर होती है उनका पूरा जीवन संघर्ष में बीत जाता है । पूरे जीवन धन की कमी से जूझना पड़ता है । चूंकि बृहस्पति शादी का भी कारक होता है इसलिए अगर कुंडली में देवगुरु की स्थित अच्छी नहीं है तो इन लोगों का वैवाहिक जीवन भी सुखद नहीं रहता है । इनके कमजोर बृहस्पति का प्रभाव इनकी संतान को भी भोगना पड़ता है ।

मिथुन  राशि पर देवगुरु बृहस्पति का गोचर प्रभाव :

मिथुन राशि एक वायु तत्व प्रधान राशि है जिसके मालिक बुध देव हैं,बुध देव को ग्रहों में राजकुमार की पदवी प्राप्त है,इनको एक बालक गृह माना जाता है जिसके कारण इनके ऊपर दूसरे ग्रहों का प्रभाव जल्दी पड़ता है ।

मिथुन राशि के लिए देवगुरु का गोचर व्यय भाव यानि कि खर्चे के भाव में होने जा रहा है,व्यय भाव को एक अच्छा भाव नहीं कहा जा सकता,इसलिए यह गोचर आपके लिए बहुत शुभ तो नहीं कहा जा सकता है इसलिए आप पूरा लेख ध्यान से पढे और जिन क्षेत्रों पर इस गोचर का प्रभाव पड़ने जा रहा है उन क्षेत्रों में बहुत सावधानी बरतें और लेख के अंत में बताए गए उपायों को भी जरूर अपनाएं ।

घर पर देवगुरु बृहस्पति का गोचर प्रभाव :

जो लोग घर या घर के लिए जमीन खरीदने की  बहुत दिनों से योजना बना रहे थे वो लोग इस गोचर के दौरान मतलब 1 मई 2024 से लेकर अगली 2025 की मई तक नया घर खरीद सकते हैं । इस गोचर के दौरान आप अपने घर में रिनोवेशन भी करवा सकते हैं ।

जो लोग अपनी गाड़ी या वाहन खरीदना चाहते हैं वो भी इस साल नई गाड़ी खरीद सकते हैं । इस गोचर के दौरान मिथुन राशि वाले लोग चाहे अनचाहे अपनी सुख सुविधाओं पर जरूर पैसा खर्च करेंगे ।

जिन जातक जातिकाओं की माता जी बुजुर्ग हैं वो उनकी सेहत का विशेष ध्यान रखें समय समय पर उन्हे डाक्टर को दिखाते रहें उनकी सेहत को लेकर सावधानी बरतनी जरूरी है ।

स्वास्थ और शत्रुओं पर गुरु के गोचर का प्रभाव :

सबसे बड़ा राशि परिवर्तन : मिथुन राशि पर प्रभाव
मिथुन राशि के स्वास्थ पर गोचर प्रभाव

इस गोचर के दौरान आपके शत्रु आपके खिलाफ षड्यंत्र करेंगे हालांकि वो कामयाब नहीं हो पाएंगे आप अपनी बुद्धि और चतुराई से उनको परास्त करने में कामयाब होंगे,लेकिन आप को हमेशा अपने गुप्त शत्रुओं से सावधान रहना है और जल्दी ही किसी पर भरोसा नहीं करना है ।

अगर कोई मामला कोर्ट में चल रहा है तो इस दौरान आप का कोर्ट कचहरी में खर्चा तो बढ़ सकता है लेकिन कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है । जो लोग पेशे के रूप में कोर्ट कचहरी से जुड़े हुए हैं उनके लिए यह साल लाभदायक रहने वाला है ।

स्वास्थ के लिहाज से भी यह गोचर नरम रहने वाला है आप को इस गोचर के दौरान पेट की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है इसलिए पहले से ही आप खानपान में सावधानी रखें ।

व्यापार और साझीदारी पर गुरु गोचर का प्रभाव :

सबसे बड़ा राशि परिवर्तन : गुरु गोचर 2024 का मिथुन राशि पर प्रभाव

इस गोचर के दौरान आप कोई भी नई साझीदारी से बचें अगर साझीदारी करनी ही है तो किसी दूसरे की सलाह की जगह अपने विवेक से निर्णय लें, यह समय नई योजनाओं और नए साझीदारों के साथ व्यापार का नहीं है । अगर कोई विदेस से साझीदार या फाइनेंसर मिलता है तो आप कर सकते हैं ।

Export,Import से जुड़े लोगों के अलावा व्यापारी लोगों के लिए यह साल गुरु गोचर की वजह से ठंडा ही जाने वाला है । आप लोग आमदनी से ज्यादा खर्च करेंगे ।

सबसे बड़ा राशि परिवर्तन का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव :

सबसे बड़ा राशि परिवर्तन : गुरु गोचर 2024 का मिथुन राशि पर प्रभाव

देवगुरु वृहस्पति विवाह के कारक माने जाते हैं एक अच्छे सुखी वैवाहिक जीवन के लिए गुरु का मजबूत और दोष रहित होना जरूरी होता है । गोचर वश आपकी राशि के लिए गुरु एक नकारात्मक घर में गोचर करने वाले हैं जिसका प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर पड़ सकता है ।

किसी बाहरी व्यक्ति के कारण पति पत्नी में अविश्वास उत्पन्न हो सकता है जिसके कारण सम्बन्धों पर असर पड़ सकता है । जिनके संबंध पहले से खराब चल रहे थे उनमें अलगाव तक की नौबत आ सकती है,भले कानूनी रूप से अलगाव ना हो लेकिन दोनों अलग अलग रह सकते हैं ।

मिथुन  राशि पर देवगुरु बृहस्पति का गोचर प्रभाव : निष्कर्ष

मिथुन राशि वाले लोगों के लिए यह गोचर शुभ नहीं होने जा रहा है । जिन जातक जातिकाओं की कुंडली में गुरु की स्थित मजबूत है उनके लिए यह प्रभाव न्यूनतम होंगे लेकिन जिनकी कुंडली में गुरु पहले से कमजोर है उनको अभी से गुरु के उपाय जरूर करने चाहिए ।

ग्रहों का गोचर किसी के हाथ में नहीं वही गृह आप के लिए अच्छा भी करते हैं वही गृह आपको पीड़ा भी देते हैं लेकिन ऐसे में बस धैर्य से काम लेना चाहिए और ईश्वर की शरण में जाना चाहिए ।

मिथुन राशि के लिए वृहस्पति के उपाय :

  • अपने बेडरूम को हमेशा साफ सुथरा रखें,बिस्तर पर खाना ना खाएं ।
  • एक साल तक गुरुवार को पीली दाल का सेवन न करें ।
  • अगर पुखराज धारण कर रखा है तो किसी ज्योतिष से वर्तमान के लिए जरूर राय लें ।
  • किसी भी पूरनमासी को सत्यनारान की कथा करवाएँ ।
  • नियमित विष्णु सहस्त्र्नाम का पाठ अवश्य करें ।

 

 

 

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