आप सब समझ ही गये होंगे यहाँ Shani Sade Sati की बात हो रही है । शनि ही इस कलयुग में सबसे प्रभावित करने वाला गृह है । यह बात क्यों कही जाती है इसका भी आधार है ।
पहली बात :ये, कि यह सबसे धीमे चलने वाला गृह है,इस वजह से इसका प्रभाव जीवन में ज्यादा समय तक रहता है ।
दूसरी बात यह जहां होता है वहाँ के आस पास एक साथ कुंडली के तीन भाव को प्रभावित करता है ।
तीसरी बात इसकी तीन द्रष्टियाँ भी होती हैं, जिससे यह तीन और घर को प्रभावित करता है । कहने का मतलब कुंडली के 12 भाव में से 6 भाव अकेले शनि के प्रभाव में होते हैं ।
Why Need To Be More Careful With Shani Now : अब शनि से ज्यादा सावधान रहने की क्यों जरूरत है ?
वैसे तो Shani Transit Efects 2023 : शनि देव इस साल 17 जनवरी से अपना घर बदले थे, जब शनि देव ने मकर राशि से कुम्भ राशि में प्रवेश किया था । जब भी कोई गृह बाल अवस्था में होता है तो कम प्रभावी होता है । युवा अवस्था में गृह सबसे ज्यादा प्रभावी होता है । अगर युवा अवस्था में ही गृह वक्री भी हो जाये तो यह प्रभाव और भी बढ़ जाता है । Shani maharaj : वर्तमान समय में लगभग 13 डिग्री पर गोचर कर रहे हैं जो उनकी युवा अवस्था है । 17 जून से शनि महाराज : वक्री भी होने जा रहे । दोनों लिहाज से शनि अब ज्यादा प्रभावी होंगे ।
अब ज्यादा सावधान रहने की इसीलिए जरूरत है । शनि युवा भी हैं और अब वक्री भी होने जा रहे हैं । यह प्रभाव किसके लिए Positive होंगे किसके लिए Nigetive ? यह आपके जन्मकालीन गृह, आपकी राशि और आपकी लगन पर निर्भर करगा ।
शनि को कुम्भ राशि में प्रवेश किए हुए लगभग 6 महीने हो गए हैं । सभी को अभी तक कुछ ना कुछ संकेत मिल ही रहे होंगे । जिन भी लोगों को अच्छे संकेत मिले हैं वो अब और ज्यादा खुश हो सकते हैं । जिन लोगों को जनवरी के बाद से परेशानियों का सामना करना पड रहा है उनको और सावधान रहने की जरूरत है । जो लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं वो लेख को पूरा पढ़ें आप को कुछ न कुछ लाभ जरूर होगा ।
Shani Maharaj : शनि महाराज को समझें :
Shani ki sade sati : पर आगे बात करने से पहले शनि महाराज को समझना जरूरी है । आइये संक्षेप में जानते हैं। शनि देव के पिता सूर्य देव और माता छाया हैं । इनको दंडाधिकारी,न्याधिकारी,कर्मफल दाता कहा गया है । आप जो भी अच्छे बुरे कर्म करते हैं उसका फल शनि देव जरूर देते हैं । फल का कियान्वयन, Exicution शनि के लिए Rahu dev करते हैं तभी राहू को शनिवत कहा गया है मतलब शनि के जैसा ।
शनि देव नीले वस्त्र धारण करते हैं । इनका वाहन कौआ है । इनका दिन शनिवार है । ये बुजुर्ग और धीमे चलने वाले गृह हैं । बुजुर्गों का अनादर,शास्त्रों का अपमान, शराब का सेवन,पर स्त्रीगमन इन्हें पसंद नहीं । झूठ बोलने वालों को भी यह सजा देते हैं । जिनके दाँत गंदे रहते हैं उनपर भी शनि की टेढ़ी नजर रहती है ।
शनि देव के बारे में कभी पूरा लेख लिखूंगा, अभी Sade Sati पर आगे बढ़ना है । जिनको शनि देव पर और पढ़ना है वो यहाँ Click कर सकते हैं ।
Sade sati : Sade Sati Meaning ;
Shani sade sati ; का अर्थ इसके नाम में ही छिपा है । शनि का वो प्रभाव जो किसी व्यक्ति पर साढ़े सात साल तक रहता है उसे शनि की साढ़े साती कहते हैं । शनि एक साथ तीन घर को प्रभावित करता है । शनि जहां बैठा होता है उस भाव या घर के साथ साथ अपने से एक घर पीछे और एक भाव आगे भी अपना प्रभाव रखता है । शनि एक राशि में या घर में ढाई साल रहता है इस तरह तीनों घरों का कुल योग साढ़े सात साल होता है । इसी साढ़े सात साल की समयावधि को साढ़े साती कहते हैं ।
Sade Sati के तीन चरण होते हैं । शनि जब आपकी राशि के एक राशि पीछे आता है तो Sade Sati का प्रारम्भ होता है जिसे चढ़ती ढैया कहते हैं । शनि जब आपकी राशि में आता है तो उसे मध्य ढैया कहते हैं । शनि जब आपकी राशि को छोड़ एक राशि आगे चला जाता है तो उसे उतरती ढैया कहते हैं । कुल मिलाकर यह समय साढ़े सात साल का होता है।
आप वर्तमान के गोचर का उदाहरण से समझ सकते हैं । शनि देव इस समय कुम्भ राशि में गोचर कर रहे हैं । मीन राशि से एक राशि पीछे हैं तो मीन पर शनि की साढ़े साती की चढ़ती ढैया है । कुम्भ राशि में शनि देव विराजमान हैं तो कुम्भ पर मध्य ढैया है । मकर से निकल कर आए हैं तो मकर पर उतरती ढैया है ।
शनि का दोष नहीं :
शनि सभी राशियों से घूमता हुआ लगभग 30 साल में अपना चक्र पूरा करता है । किसी भी सामान्य जीवन में साढ़े साती दो बार तो आनी ही है। एक बार जवानी में और एक बार व्रद्धावस्था में । किसी किसी के जीवन में यह तीन बार भी आ जाती है,जब किसी का बचपन साढ़े साती से प्रारम्भ होता है । एक बात हमेशा याद रखें जो भी आप तीस साल तक करते हैं उसका हिसाब आपको साढ़े साती में देना होता है । हम पैसे कमाने में अच्छा बुरा भूल जाते हैं । जब शनि न्याय करने आते हैं तो कहते हैं शनि बहुत दुख दे रहे । हर गृह, देव है वो किसी को दुख क्यों देगा । हमारे अपने कर्म हमारे दुख के कारण हैं । शनि को दंडाधिकारी का कार्य ब्रह्मा जी ने सौपा है । शनि देव तो अपना काम करते हैं ।
साढ़े साती के प्रभाव : Sade Sati Effects :
साढ़े साती को समझने के लिए उसके मूल तत्व को समझना जरूरी । जैसा की ऊपर बताया आपकी राशि जब शनि के प्रभाव में आती है तभी साढ़े साती लगती है । आपकी राशि को ही चंद्र राशि भी कहते हैं । चंद्रमा जिस राशि में होता है वही आपकी राशि होती है । कहने का मतलब यह है कि चंद्रमा जब शनि के प्रभाव में आता है तो साढ़े साती का समय प्रारम्भ होता है ।
चंद्रमा पर प्रभाव के मायने :
चंद्रमा क्या है ? चंद्रमा मन है । माँ है, मस्तिष्क है, जल है । चंद्र लगन होने के कारण आप स्वयं भी हैं । साढ़े साती के प्रारम्भ होते ही सबसे पहला असर आपके मन पर पड़ता है । अचानक आपका मन खराब रहने लगता है । अनजानी चिताएँ घेरने लगती हैं । मन दुविधा में रहने लगता है, जिसके कारण आप अनिर्णय के शिकार होते हैं । खुद को हारा हुआ, थका हुआ महसूस करते हैं । धीरे धीरे दुनिया से कटने लगते हैं । इस से और स्थित खराब होती जाती है । माँ की सेहत पर असर पड़ता है । चंद्रमा एक फीमेल गृह है इसलिए स्त्री पक्ष से संबंध बिगड़ते हैं ।
आपने अक्सर सुना होगा,मन के हारे हार है मन के जीते जीत । बाकी सब परेशानियाँ सिर्फ मन के कारण होती हैं । आप चाहे व्यापार में हों या जॉब में अपनी दुविधाओं के कारण बहुत नुकसान उठाते हैं । इसलिए साढ़े साती में जीवन दुश्वार हो जाता है ।
जो लोग साढ़े साती के समय अपने मन को भ्रम में रखने के लिए नशे के चक्कर मे पड़ जाते हैं वो अपनी स्थित और खराब कर लेते हैं । शनि मदिरा पान से और खराब होता है ।
Can Sade Sati Be Good ? क्या साढ़े साती अच्छी भी हो सकती है ?
साढ़े साती सबके लिए खराब नहीं होती । साढ़े साती में बहुत से लोग फर्श से अर्श तक पहुचे हैं । अगर जन्मकालीन चंद्रमा मजबूत है तो असर कम होता है । अगर आपके लिए शनि योगकारक हैं और अच्छी मजबूत स्थित में हैं तो साढ़े साती आपको बहुत फायदा भी दे सकती है । शनि धीमे चलने वाले गृह हैं आपको फायदा भी देंगे तो भी धीरे धीरे ।
Sade Sati Remedies : साढ़े साती के उपाय
साढ़े साती के भी वही उपाय हैं जो Shani ke upay हैं । कुछ उपाय चंद्रमा के भी किए जायें तो और फायदा होता है ।
1 सबसे पहले मन को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन Meditation करें । इस से आपका मन स्वस्थ होगा ।
2 पानी खूब पीएं। पानी की घर में बरबादी रोकें इस से आपका चंद्रमा कमजोर होता है ।
3 अपनी माँ का आशीर्वाद लें उनकी सेवा करें ।
4 घर के ऊपर छत पर पक्षियों के लिए पानी रखें जिस से कौए भी आकार पानी पी सकें ।
5 अमावस्या के दिन कौओं को रोटी खिलाएँ ।
6 बुजुर्गों की सेवा करें और सम्मान करें । हो सके तो वृद्धाश्रम में दान करें ।
7 शनि के उपायों में शनिवार को शनि मंदिर जाएँ । पीपल पर तेल का दीपक जलायें । तेल में अपना चेहरा देख छाया का दान करें । शनि की चीजों का दान करें जैसे काली उड़द,काले तिल,काला कपड़ा, लोहा इत्यादि ।
8 लेबर का अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से भूल से भी बुरा बर्ताव ना करें
9 हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें ।
F.A.Q.
Sade sati kis Rashi par hai ?
वर्तमान में साढ़े साती तीन राशियों पर चल रही है । मीन राशि पर प्रथम चरण । कुम्भ राशि पर मध्य चरण । मकर राशि पर अंतिम चरण ।
Does sade sati repeat ? क्या साढ़े साती दोबारा आती है ?
जी हाँ साढ़े साती किसी के भी जीवन मेन दोबारा आती है । तीस साल बाद ये repeat होती है ।
Can Sade Sati Cause Depression ? क्या साढ़े साती के कारण अवसाद होता है ?
साढ़े साती सीधा मन पर प्रभाव डालती है, जिसके कारण अवसाद होने की पूरी संभावना रहती है । daily meditation इसको दूर करने का सरल उपाय है ।
What is peak phase of sade sati ? साढ़े साती का सबसे ज्यादा असर कब होता है ?
साढ़े साती का 2nd Phase जब शनि चंद्रमा के साथ लगन में होता है उस समय साढ़े साती का peak होता है ।
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