Vrishabha Rashi: वाले अपनी धुन के पक्के होते हैं । जो ठान लेते हैं वो कर के ही छोड़ते हैं।यही उनकी जीत का फॉर्मूला बन जाता है ।
सभी सनातनी हिंदुओं का सनातनमंदिर.कॉम पर स्वागत है । आज मैं Virishabha Rashi, के बारे में विस्तार से चर्चा करूंगा ।
मेष राशि की चर्चा कर चुका हूं जो आप पिछले लेख में पढ़ सकते हैं । आगे की राशियों की चर्चा भी क्रम से करूंगा इसके साथ ही बाकी के गोचरों और उनके प्रभावों की चर्चा भी समय समय पर ब्लाग पर होती रहेगी ।
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Virshabha Rashi : गुण स्वभाव और व्यक्तित्व :
वृष राशि स्थिर स्वभाव वाली, पृथ्वी तत्व वाली राशि है । इस राशि के जातक लगन शील होते हैं वो जो एक बार में ठान लेते हैं उस से डिगते नहीं । पृथ्वी तत्व होने के कारण वो अपनी राय और विचार जल्दी नहीं बदलते । इस राशि का प्रतीक चिन्ह बैल या सांड होता है । वृष राशि वाले जातकों का गुण भी इनके प्रतीक चिन्ह से मिलता जुलता होता है । ये अपनी तरफ से किसी को छेड़ते नहीं और अगर कोई इन्हें छेड़े तो ये उसे छोड़ते नहीं । इन्होने किसी के प्रति अगर मन में कोई गांठ बांध ली तो वह गांठ इनके मन में हमेशा के लिए बंध जाती है । ये ना तो चीजों को जल्दी भूलते हैं ना लोगों को जल्दी माफ करते हैं ।
पृथ्वी तत्व राशि होने के कारण ये या तो रिश्ते जल्दी बनाते नहीं अगर एक बार रिश्ता बना लिया तो उस रिश्ते को जल्दी छोड़ नहीं पाते ।
इस राशि का स्वामित्व,Lordship, असुरों के गुरु शुक्राचार्य मतलब शुक्र देव के पास है । गुरु ब्राहस्पति के बाद शुक्र देव की भी गिनती सबसे शुभ ग्रहों में होती है । शुक्र देव भोग विलास के कारक गृह हैं, Romance,Sex,Luxury, ये सभी विभाग इन्हीं के पास हैं । Vrishabha Rashi, के जातकों की कुंडली में अगर शुक्र देव मजबूत स्थित में हुए और उन पर कोई पाप प्रभाव ना हुआ तो ऐसे जातकों को पूरी उम्र सुख सुविधाओं की कमी नहीं रहती ।
Virishabha Rashi : एक फ़ीमेल राशि है इसलिए इस राशि के जातक खूब बन सँवर कर रहते हैं । जो लोग हमेशा आप को खूब बने सँवरे और हमेशा Perfume, का प्रयोग करने वाले दिखें आप समझ लीजिये उनकी कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में है चाहे वो किसी भी राशि के हों । इस राशि के लोग मध्यम कद काठी के मगर स्वस्थ और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं । चूंकि यह एक फ़ीमेल राशि है इसलिए इस राशि में कुछ गुण स्त्रियॉं वाले भी पाये जाते हैं जैसे जल्दी चिढ़ जाना जल्दी रूठ जाना इत्यादि …. ।
Vrishabha Rashi : Primary and Higher Education :
वृष राशि में बुध देव पंचमेश बनते हैं इसलिए इस राशि के लोग बुद्धिमान होते हैं । अगर बुध पर कोई निगेटिव प्रभाव ना हुआ तो वृष राशि के जातकों की प्राथमिक शिक्षा में कोई दिक्कत नहीं आती है । ये लोग इंटर्मीडियट तक की शिक्षा आराम से पूरी कर लेते हैं । उच्च शिक्षा के लिए गुरु और शनि की स्थित कुंडली में बहुत प्रभाव डालती है । इन राशि के जातकों के जीवन में अक्सर उच्च शिक्षा के लिए परिस्थितियाँ उतनी आसान नहीं रहतीं हैं । अगर गुरु की प्लेशमेंट अच्छी हुई तो इन्हे रिसर्च के फील्ड में अच्छी सफलता मिलती है ।
Vrishabha Rashi : Career and Business:
वृष राशि के लोगों के लिए Engineering Feild एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि शनि देव जो कर्म के कारक भी हैं और वृष राशि के लिए स्वयं कर्मेश भी बनते हैं । Contractor line खास तौर पर labour ya engineering contractor. Building construction, का क्षेत्र भी इन लोगों के लिए फायदा दे सकता है । Jwellery showroom, cosmetics, interior designing ये सारे फील्ड इन लोगों को व्यापार या जॉब के लिए चुनना चाहिए।
Vrishabha Rashi : Love and Marriage Life : प्रेम और विवाह
वृष राशि का स्वामित्व ही जब शुक्र देव के पास है जो खुद रोमांस के कारक हैं इसलिए इस राशि के जातकों में रोमांस कूट कूट के भरा होता है,अगर शुक्र की स्थित थोड़ी भी पाप प्रभाव में हुई तो यह लोग मनचले टाइप के भी देखे गए हैं लड़कियों में भी पाप प्रभाव का शुक्र बदचलन बना देता है ।
जो लोग भी वृष राशि के लोगों के साथ रिलेशनशिप में हैं उनको हमेशा इस बात से सतर्क रहना चाहिए इस राशि के जातक जातिकाएं जल्दी बहक जाते हैं अगर शुक्र देव शुभ स्थित में ना हुए तो इस बात की संभावना बहुत रहती है ।
वृष राशि के जातकों का सप्तमेश यानी शादी के घर का मालिक मंगल बनता है जो अपने आप में एक क्रूर ग्रह होने के साथ ही गुस्से का भी कारक है । इसलिए इस राशि के जातक जातिकाओं को सलाह दी जाती है कि बिना कुंडली मिलान के शादी नहीं करनी चाहिए । अगर कुंडली में मांगलिक दोष हो तो बिना दोष की शांति कराए शादी नहीं करनी चाहिए,जिनकी शादी हो चुकी है और उनकी कुंडली में मांगलिक दोष है तो मंगल की पूजा जरूर करानी चाहिए ।
इस राशि में मंगल का सप्तमेश बनने के कारण इस राशि के जातक Dominating होते हैं और पृथ्वी तत्व की राशि होने के कारण जल्दी झुकने को तैयार नहीं होते,अपने आप को हमेशा सही साबित करने की कोशिश करते रहते हैं इस कारण शादी और संबंध हमेशा उतार चढ़ाव लिए हुए चलते है ।
Vrishabha Rashi: धन दौलत : Welth
शुक्र लग्नेश होने के कारण वृष राशि के जातकों को खराब से खराब स्थित में इतना तो मिलता रहता है की ये आराम से रह सकें खाने पीने की दिक्कत ना हो । ये लोग अगर सरकार या सरकारी कामों से जुड़े हुए हैं तो अच्छा धन कमाते हैं । वृष राशि के जातकों को हमेशा लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए। लक्ष्मी जी वृष राशि के लिए वैसे भी पूजनीय है और धन की दात्री भी हैं । दूसरी बात इस राशि के लोगों को पिता से हमेशा जुड़ के रहना चाहिए उन के बिना इस राशि का भाग्योदय संभव नहीं हो पाता ।
Vrishabha Rashi : रोग और स्वास्थ, Health
इस राशि के जातकों का सामान्य तौर पर स्वास्थ ठीक रहता है । लेकिन शुक्र प्रधान राशि होने के कारण शुगर की बीमारी हो सकती है । Heart Problem भी हो सकती है । यह इस बात पर निर्भर करता है कि बाकी ग्रहों की स्थित कैसी है कुंडली में । अगर Sex Power, की कमी की शिकायत हो तो किसी ज्योतिष को कुंडली दिखा कर उस ग्रह का उपाय करें जिसका पाप प्रभाव शुक्र देव पर पड़ रहा हो ।
Vrishabha Rashi : शुभ,अशुभ,और इष्ट देव :
वृष राशि के लोगों के लिए सामान्यतः बुध गृह, शनि गृह,और शुक्र गृह शुभ होते हैं, सूर्य देव भी केंद्र के स्वामी होने के कारण शुभ ही होते हैं । मंगल देव इस राशि के जातकों के लिए मारकेश बनते हैं, इसलिए जिन भी जातकों की मंगल की महादशा आने वाली है या फिर चल रही है उन को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है । वो किसी अच्छे ज्योतिष को कुंडली का विवेचन करा मंगल के उपाय जरूर करें ।
इस राशि के जातकों से अनुरोध है कि जिन लोगों की मंगल की दशा निकल चुकी है वो अपने अनुभव कमेन्ट में जरूर लिखें जिस से और लोग सावधान हो कर अपने उपाय करवा सकें ।
वृष राशि में चंद्रमा भी योगकारक नहीं है यह गृह भी परेशान कर सकता है लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत मंगल पर ही है ।
आज की अंतिम बात :
आप के कुछ और सवालों के जबाब F.A.Q सेक्सन में मिल जाएँगे । लेख कैसा लगा कमेन्ट में लिख कर बता सकते हैं, लाइक कर सकते हैं,कोई सुझाव हो तो उनका भी स्वागत है । ब्लॉग से लगातार जुड़े रहने के लिए आप ब्लॉग को सबस्क्राइब कर सकते हैं ।
जाते जाते आप लोगों को मानस की एक चौपाई के साथ छोड़ जाता हूँ मनन करने के लिए ।
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F.A.Q :
वृषभ राशि के मालिक कौन हैं ?
असुरों के गुरु शुक्राचार्य,जो शुक्र देव के नाम से जाने जाते हैं वही वृष राशि के मालिक हैं ।
वृष राशि का दिन कौन सा है ?
शुक्रवार, Friday, वृष राशि का दिन है । शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार का ही व्रत रहा जाता है ।
वृष राशि के देवता कौन हैं ?
माँ भगवती वृष राशि की इष्ट देवी हैं । माँ के किसी भी स्वरूप की पूजा की जा सकती है । माँ लक्ष्मी देवी की भी पूजा वृष राशि वालों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होती है ।
वृषभ राशि वालों के लिए कौन से रंग Colour शुभ होते हैं ?
इस राशि वाले सफ़ेद,नीला,काला,हरा रंग दैनिक प्रयोग में ला सकते हैं, ये रंग उनके लिए लाभदायक हैं ।
वृष राशि वालों को कौन से colour नहीं पहनने चाहिए ?
इस राशि वालों को लाल और नारंगी रंग पहनने से बचना चाहिए ।
वृष राशि वालों के शुभ दिन कौन से होते हैं ?
शुक्रवार,शनिवार और बुधवार दिन वृष राशि वालों के लिए शुभ होते हैं ।
वृष राशि वालों को कौन से रत्न पहनने चाहिए ?
हीरा,पन्ना,नीलम,ओपल, ये रत्न वृष राशि वाले पहन सकते हैं । पहन ने से पहले अपनी कुंडली किसी ज्योतिष को जरूर दिखा लें वो जब पहन ने की सलाह दें तभी पहनें ।
वृष राशि के लोगों को क्या चीजें दान करना चाहिए ?
वृष राशि के लोगों को चावल,दही,सफ़ेद वस्त्र,घी,इत्र,perfume दान करना चाहिए । लेकिन दान किन चीजों का करना है किन का नहीं ये किसी पंडित को पूछ ही करना चाहिए । शुक्र देव ऐश्वर्य,और वैभव के कारक हैं ऐसा ना हो आप के दान करने से आपको बाकी तो फायदा हो लेकिन भोग विलास में कमी आ जाये ।