शनि देव कर्म के कारक ग्रह हैं,बनते बनते कामों का रुक जाना,कार्यों में असफल हो जाना यह सब तभी होता है जब शनि देव की तिरछी नजर होती है ।
शनि को मजबूत करने के लिए उपाय के रूप में नीलम को धारण करना पंडितो और ज्योतिषियों द्वारा बताया जाता है ।
नीलम धारण करना या शनि की कोई अन्य वस्तु धारण करना कभी कभी नुकसान भी करता है इसलिए बिना योग्य पंडित की सलाह के नीलम या इसका विकल्प धारण नहीं करना चाहिए ।
अगर शनि की महादशा,अंतर्दशा,शनि की साढ़े साती या शनि की ढैया के कारण शनि की पीड़ा है तो शनि के अन्य उपायों जैसे जप,दान व्रत आदि को प्राथमिकता देनी चाहिए ।
अगर आपको पंडित या ज्योतिष ने शनि के लिए नीलम पहनने के लिए बताया है और नीलम मंहगा होने के कारण आप नहीं पहन पा रहे हैं तो विकल्प के रूप में एक फ्री का उपाय आज जानते हैं ।
शमी के पौधे के बारे में आप सभी ने सुना होगा,शमी का पौधा,तुलसी,पीपल, बरगद और केले की तरह ही बहुत पवित्र माना जाता है और हर बगीचे और नर्सरी में यह मिल जाता है ।
आपको किसी भी शनिवार को या शनि के नक्षत्र के दिन शमी की पौधे की जड़ दिन में लानी है । शाम के समय विधि विधान से गंगा जल से धो कर धूप बत्ती दिखा कर काले कपड़े में बांध लेनी है ।
इस काले कपड़े में बंधी जड़ को अपने उस हाथ में बांध लेना है जिस से आप सभी काम करते हैं । बांधने के बाद आपको 108 बार शनि के मंत्र का जाप करना है ।
शनि की साढ़े साती पर अगर विस्तार से लेख पढ़ना है तो नीचे दिए गए लिंक पर जा कर वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं ।